by Ishan Roy
ना बैरी ना कोई बेगाना
Book launch Na Bairi Na Koi Begana by Surendra mohan Pathak in conversation with Poonam saxena
BY- Aditya Narayan, Official Blogger, Jiapur Literature Festival.
अपनी कलम से सà¥à¤¨à¥€à¤², सà¥à¤§à¥€à¤° और विमल जैसे किरदार को जिनà¥à¤¦à¤¾ करने वाले तथा अपनी सादगी से सबका दिल जीतने वाले सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° मोहन पाठक ने आख़िरकार अपनी जीवनी को अपने पाठकों को पà¥à¤¨à¥‡ का मौका दिया है| तीन à¤à¤¾à¤—ों में बटी ना ‘बैरी न कोई बेगाना’ के पहले à¤à¤¾à¤— का अनावरण बॉलीवà¥à¤¡ डायरेकà¥à¤Ÿà¤° अनà¥à¤°à¤¾à¤— कशà¥à¤¯à¤ª ने जयपà¥à¤° लिटरेचर फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² में किया| करीब 300 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ किताबों और उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के लेखक सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° मोहन पाठक के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° उनको उनके संपादक ने अपनी जीवनी लिखने को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया| अपनी जीवनी के अंश पर तथा अपने कॉलेज के दोसà¥à¤¤ जगजीत सिंह को याद करते हà¥à¤ कहा कि ‘जो आपको पसंद और अगर वो आपको नहीं मिलता तो जो मिलता है उसी को अपनी पसंद बना लेना चाहिà¤â€™|
अपने किताब के अनावरण में आये यà¥à¤µà¤¾à¤“ं का हौसला अफजाई करते हà¥à¤ कहा कि ‘कà¥à¤› लोग कहते है दिवार को धकà¥à¤•à¤¾ देने से कà¥à¤¯à¤¾ होगा मैं कहता हूठदीवार को धकà¥à¤•à¤¾ देने से आप तो हिलेंगे ना? मैं à¤à¤²à¥‡ ही बेहतरीन लेखक नहीं हूठपर मै इतना जनता हूठकि मैं à¤à¤• निषà¥à¤Ÿà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ लेखक हूठऔर आपकी निषà¥à¤ ा ही आपको बà¥à¤²à¤‚दी पर पहà¥à¤‚चाती है’| सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° ने मजाक करते हà¥à¤ कहा कि’ जासूसी कि बहà¥à¤¤ किताबों और à¤à¤• जैसे किरदार लिखने के बाद à¤à¤• वक़à¥à¤¤ à¤à¤¸à¤¾ आया था जब मेरे पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤• ने मेरी किताब छापने से मना कर दिया थी और मà¥à¤à¤¸à¥‡ अपने किरदार को बदलने को कहा’ अपनीबात को आगे बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि लेखन हलवाई के कारोबार जैसा होता है अगर आपकी जलेबी किसी को पसंद नहीं आती तो आप उनको बरà¥à¤«à¥€ दे देते है और अगर बरà¥à¤«à¥€ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ हो जाये तो लडà¥à¤¡à¥‚ तो हमेशा ही तैयार ही होती है|
à¤à¤• लेखक के तौर पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि किसी à¤à¥€ लेखक को, लेखक उसका पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤• नहीं बनाता बलà¥à¤•à¤¿ उसे लेखक उसके पाठक बनाते हैं| सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अगर कोई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤• किसी को लेखक बना सकता तब तो फिर वो सà¤à¥€ लेखक आज मशहूर होते जो à¤à¥€ उस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤• तक पहà¥à¤šà¤¤à¤¾ है| अपने जीवन कि कà¥à¤› कड़वी यादों को à¤à¥€ साà¤à¤¾ करते हà¥à¤ सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° ने à¤à¤• बॉलीवà¥à¤¡ के बहà¥à¤¤ बड़े निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ का उनके 42 उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ को खरीदने के बात को सामने रखा|